DiscoverChant and Sing with Golokians363 - कविता... "इस बार दिवाली प्रकृति के साथ" रेनू त्रिपाठी जी... कानपुर (दीपावली स्पेशल)
363 - कविता... "इस बार दिवाली प्रकृति के साथ" रेनू त्रिपाठी जी... कानपुर (दीपावली स्पेशल)

363 - कविता... "इस बार दिवाली प्रकृति के साथ" रेनू त्रिपाठी जी... कानपुर (दीपावली स्पेशल)

Update: 2022-10-23
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Description

भावार्थ... 


यह सुंदर कविता की रचना रेनू जी ने की है!इस कविता के माध्यम से रेनू जी सबको दिवाली की शुभकामनाएं दे रही है! दीपावली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है! इस दिन श्री रामचंद्र जी मां सीता और लक्ष्मण जी के संग 14 वर्ष का वनवास काट कर अयोध्या लौटे थे और श्री राम जी के स्वागत के लिए अयोध्यावासियों ने पूरी अयोध्या में दीपमाला की थी! इसी परंपरा को आज तक बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है! इस दिन मां लक्ष्मी जी की भी विशेष पूजा अर्चना की जाती है! इस दिन पटाखे चलाकर लोग अपनी खुशी का इजहार करते हैं लेकिन हमें यह समझना होगा कि प्रकृति को प्रदूषण से बचाने की जिम्मेदारी भी हम सब की बनती है हमारे चारों ओर का वातावरण जितना ज्यादा शुद्ध होगा उतने ही अच्छे से हम अपने जीवन को व्यतीत कर सकेंगे!


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Team Golokexpress